कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु ओम साईं राम श्रद्धा शरण अनन्य भक्ति मन हमेशा सम्मान कर्म निर्मल मन तन वचन काया विपश्यना ईश्वर की ख्वाहिश hindikavita हिन्दीकविता जो मांगा वह नहीं है दूर विश्व समाधि की सीढ़ी

Hindi मन काया वचन श्रद्धा Poems